🍁अनुरागी नमन🍁
जापानी कविता शैली के क्रम में आइये आज हम एक अन्य विधा को जानते है।
सेदोका जापानी शैली की कविता है जिसमे 6 चरण होते है ।
जिसकी वर्ण संख्या निर्धारित है।
5+7+7+5+7+7=38 वर्ण
यथा 6 चरण क्रमशः
पाँच, सात ,सात ,पाँच, सात, सात वर्ण युक्त होने चाहिये।
हालाँकि की इस तरह की कविता के मुख्य विषय प्रकति पर आधारित रहे है ।
चूँकि हमारा रास्ट्रीय पर्व 26 जनवरी निकट है तो इस विषय पर सृजन की अपेक्षा है।
दिनाँक 26 /01/2020 तक समय सीमा है ।
आपसे 2 सेदोका सृजन की अपेक्षा है ।
सभी उपयुक्त रचना साहित्य अनुरागी ब्लॉग में प्रकाशित की जायगी । सभी का स्वागत🌹🙏
🍂सेदोका कविता शैली🍂
गणतन्त्र है
भारतवर्ष ऐसा
सर्वधर्म समान
गौरवान्वित
महसूस करता
किसान व जवान।
*
चरणधूलि
चन्दन समान है
आओ भाल लगा लें
भारत माँ के
सपूत रखवाले
आओ शीश नवा लें।
🙏✍
अरविन्द चास्टा
कपासन चित्तौड़गढ़ राज.
--------------------------------------------------------
अनुरागी 🙏नमन
बुधवार 22/01/2020
विद्य्या -सेदोका (577 577)शीर्षक-वतन से इश्क़ 🇮🇳
----------------------
©®स्वरचित…🖊️
कभी ठंड में
ठिठुर के देखना
कभी तुम धूप में
जल देखना
हिफाज़त मुल्क की
सरहद देखना
कभी दिल को
पत्थर में देखना
जज्बात सब मारें
आते है याद
दुःख भी है सहना
वतन की सोचना
मज़ा है आता
मरने में भी यारों
है वतन से इश्क़
यही दिखाना
हो वतन से इश्क
सच कर दिखाना
…🖊️विनोद शर्मा🇮🇳विश🌿
----------------------------------------------------------
(सेदोका ) जापानी कविता
5,7,7 5,7,7 वर्ण 38
चरण 6
1
जय हिन्द का
जहां नारा लगता
बहती सदा गंगा
ऊंचे शिखर
हिन्दुस्तान का नित
लहराये तिरंगा
2
निष्ठा से यहां
करें वतन सेवा
धरती के हैं लाल
शहीद होते
राष्ट्र के धरोहर
भारत के हैं ढाल
3
सर कटाते
पर झुकाते नहीं
सींचते रक्त से हैं
भगतसिंह
आजाद जैसे यहां
महान भक्त ये हैं
......
सिम्पल काव्यधारा
प्रयागराज
------------------------------------------------------------
.......सेदोका........
५ ७ ७ ५ ७ ७
....राखी का बंधन.....
(१)
मनभावन
रेशम की है डोर
नाज़ुक सा बंधन
है अभिमान
प्रेम को है दर्शाता
बढ़ाता वो अगन।
(२)
बिना बँधे ही
करता मेरी रक्षा
देता प्रेम अपार
होता जो भाई
मिलता स्नेह,प्यार
करता जाँ निसार।
......खेल खिलौना.......
(१)
रंगबिरंगी
खिलौने से खेलता
ना कभी मुरझाए
देखते नैन
मासूम बचपन
मन बड़ा हर्षाए।
(२)
हर खिलौना
जितनी भरी चाबी
तब तक चलता
वो है सिखाता
जनम मरण का
राज़ है वो बताता।
........सुवर्णा परतानी........
............हैदराबाद..........
-----------------------------------------------------------
सेदोका जापानी कविता
5,7,75,7,7 कुल 38 वर्ण
जनतांत्रिक
पंथनिरपेक्षता
देश की पहचान
बहुलताएं
सभ्यता-संस्कृति की
हिन्दुस्तान महान।
गंगो-जमन
स्रवित हृदय में
सुखद उनवान
समरसता
पुष्पित-पल्लवित
अद्वितीय विधान।
कृष्णा श्रीवास्तव
हाटा,कुशीनगर
------------------------------------------------------------
कलम की यात्रा। विषय..मेहनत मजदूरी
सदोका विधा..5/7/7/5/7/7--38 वर्ण
ये मजदूर
बेचारे दिन भर
दिहाड़ी मे खपते
मौसम मार
मुठ्ठी भर वेतन
गुजारा मुश्किल
(2)
हैं अनपढ
झुग्गियों मे रहते
सस्ता नशा करते
साधनहीन
जरूरतो से दुखी
भविष्य अंधकार
स्वरचित
रीतू गुलाटी..ऋतु
---------------------------------------------------------
वर्ण संख्या-
5+7+7+5+7+7=38
कुल 6 चरण
विषय:- 26 जनवरी
राष्ट्र त्योहार,
छब्बीस जनवरी,
उल्लास है अपार,
ये अभिमान,
देश का संविधान,
भारत है महान।
****************
ध्वज तिरंगा,
फहरा राजपथ,
गगन सतरंगा,
जय जवान,
शक्ति का प्रदर्शन,
झाँकियाँ अनुपम ।
************
नव सृजन,
नव कीर्ति पताका,
नवल अस्त्र शस्त्र,
नव सँकल्प,
नवल हर्षोल्लास,
कला संस्कृति पूर्ण।
******************
रचनाकार
डॉ नीरज अग्रवाल"नन्दिनी"
----------------------------------------------------------
(सेदोका)
बहा शोणित
स्वतन्त्रता के लिए
फाँसी झूलीं गर्दनें
शीश भी कटे
हम आजाद हुये
उपकार वीरों का।
नमन करो
उन वीरों को तुम,
बलिदान हुये जो
मातृभूमि पे
रंगे देशभक्ति में
खेले रक्त से होली।
रागिनी गर्ग रामपुर( यूपी)
-----------------------------------------------------------
साहित्य अनुरागी
सुभाषचन्द्र बोस जयन्ती
विधा कविता( नयी विधा सदोका)
मापनी..5/7/7/5/7/7-38 वर्ण
(1)
सुभाष चन्द्र
जय हिन्द का नारा
आजादी का दीवाना
जयन्ती आज
तेईस जनवरी
मनाये धूमधाम
(2)
आजादी दूंगा
तुम मुझे खून दो
गुलामी हटा दूंगा
बोला सुभाष
आजाद कंरू देश
दम लूंगा कहे वो
(3)
जन्मे उड़ीसा
नेता जी उपाधि है
लड़े आजादी वास्ते
हिन्दुतान में
चटा दी धूल उन्हे
अंग्रेज जो थे अड़े
(4)
आजाद सेना
बना संस्थापक
अंग्रेजों से निपटा
आजाद नाम
प्रभावती जानकी
प्रिय औलाद रहे।
स्वरचित
रीतू गुलाटी..ऋतु
हिसार हरियाणा
-------------------------------------------------------------
सेदोका ( जापानी कविता)
5 7 7 5 7 7 , वर्ण 38 , चरण 6
1
मत भूलना
प्रेम करने वालों
पुलवामा को
मर मिटे जो
वतन की खातिर
प्रेम राष्ट्र से कर
2
नमन करो
देशवासियों उन्हें
गुलाब चढ़ाकर
जै हिन्द बोलो
देखिए वो चौदह
फरवरी आ रही
.........
सिम्पल काव्यधारा
प्रयागराज
---------------------------------------------------------
सेदोका -1
विषय - वेणु /बंसी / मुरली / बाँसुरी/ नरकट
बजा रहे है
बाँसुरी मधुर सी
मन लुभा रहे है
कृष्ण मुरारी
छेड़े गोपियाँ सारी
दिल सब है हारी ।
सेदोका -2
विषय-हरसिंगार/शेफाली/प्राजक्ता
हरसिंगार
गुणों भरा खजाना
खुशबू इसकी है
अति सुहानी
जीवन देता यह
पीड़ा सब हरता ।
रजिन्दर कोर (रेशू)
अमृतसर
-----------------------------------------------------------
वर्ण संख्या-
5+7+7+5+7+7=38
कुल 6 चरण
विषय:- 26 जनवरी
राष्ट्र त्योहार,
छब्बीस जनवरी,
उल्लास है अपार,
ये अभिमान,
देश का संविधान
भारत है महान।
****************
ध्वज तिरंगा,
फहरा राजपथ,
गगन सतरंगा,
जय जवान,
शक्ति का प्रदर्शन,
झाँकियाँ अनुपम ।
************
नव सृजन,
नव कीर्ति पताका,
नवल अस्त्र शस्त्र,
नव सँकल्प,
नवल हर्षोल्लास,
कला संस्कृति पूर्ण।
******************
रचनाकार
डॉ नीरज अग्रवाल"नन्दिनी"
-----------------------------------------------------------
सादर नमन मंच
21/01/2020
सेदोका(सूरज)
सूरज ज्ञान
समय का पाबंद
सीख अनुसासन
जग समक्ष
श्रेष्ठ अनुपालक
कर्म सर्व महान।
आँखें
1
दो बुढ़ी आँखें
कमरे से झाँकती
थोड़ा स्नेह माँगती
डरी सहमी
भीड़ में भी अकेली
काश!कोई सहेली।
2
कजली आँखें
रात हुई बावरी
बनी है विरहिणी
प्रीतम प्यारे
सरहद के द्वारे
कर्तव्य वो निभाते।
स्वरचित पूर्णिमा साह
पश्चिम बंगाल।।
-----------------------------------------------------------
साहित्य अनुरागी
सुभाषचन्द्र बोस जयन्ती
विधा कविता( नयी विधा सदोका)
मापनी..5/7/7/5/7/7-38 वर्ण
(1)
सुभाष चन्द्र
जय हिन्द का नारा
आजादी का दीवाना
जयन्ती आज
तेईस जनवरी
मनाये धूमधाम
(2)
आजादी दूंगा
तुम मुझे खून दो
गुलामी हटा दूंगा
बोला सुभाष
आजाद कंरू देश
दम लूंगा कहे वो
(3)
जन्मे उड़ीसा
नेता जी उपाधि है
लड़े आजादी वास्ते
हिन्दुतान में
चटा दी धूल उन्हे
अंग्रेज जो थे अड़े
(4)
आजाद सेना
बना संस्थापक
अंग्रेजों से निपटा
आजाद नाम
प्रभावती जानकी
प्रिय औलाद रहे।
स्वरचित
रीतू गुलाटी..ऋतु
हिसार हरियाणा
-----------------------------------------
साहित्य अनुरागी
विषय..साजन की प्रीत
विधा..सदोका
(1)
मधुर यादें
मन के कोने बसी
यादो के दर्पण में
साजन प्रीत
तू प्रीत गीत सुना
सांझ ढलें तू ख्याब
(2)
मेरे साजन
अँगना मे तू आना
संग मुझको गाना
मधुर गीत
मन धागा पिरोया
तुझे संग भिगोया।
स्वरचित
रीतू गुलाटी
---------------------------------------------------------
--सेदोका ( जापानी कविता)
5 7 7 5 7 7 , वर्ण 38 , चरण 6
1
मत भूलना
प्रेम करने वालों
पुलवामा को
मर मिटे जो
वतन की खातिर
प्रेम राष्ट्र से कर
2
नमन करो
देशवासियों उन्हें
गुलाब चढ़ाकर
जै हिन्द बोलो
देखिए वो चौदह
फरवरी आ रही
.........
सिम्पल काव्यधारा
प्रयागराज
-------------------------------------------------------------
सेदोका (जापानी काव्य शैली)
5,7,7 5,7,7
38 वर्ण,6 पंक्तियाँ
भारत प्यारा,
एक देश हमारा,
हिन्दू मुस्लिम और
सिख ईसाई,
आपस में सबका,
रहता भाईचारा।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
गणतंत्र है,
यहाँ प्रजातंत्र है,
लहू को बहाकर,
बलिदानों से,
देशभक्तों ने सींचा,
भारत स्वतंत्र है।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सोलह माघ,
दिन आया सुभाग,
गणतंत्र दिवस,
का है उल्लास,
युवाओं से समृद्ध,
भारत के सौभाग्य।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
ऊंचा लहराए,
तिरंगा मन भाए,
विकास पथ पर,
अग्रसर है,
तकनीक देश को,
आत्मनिर्भर बनाए।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
विशाल सेना,
चौड़ा करती सीना,
हो शत्रु भयभीत,
प्रेम का देश,
नहीं रखते द्वेष,
मिलजुल के जीना।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जितेंदर पाल सिंह
No comments:
Post a Comment