Tuesday, February 18, 2020

वर्ण पिरामिड - Hindi poetry


🌷🍁🙏अनुरागी नमन🙏🍁🌷
हिंदी साहित्य लेखन ने कई गैर पारम्परिक अथवा अन्य भाषायी काव्य की विधाओं को अपने विशाल हृदय में आत्मसात किया है । पिछली पोस्ट में हमने जापानी कविता की शैली की #हाइकु ताँका सेदोका के बारे में जाना तथा सायली विद्या की संक्षिप्त जानकारी ली ।

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इसी क्रम में एक अन्य रोचक विद्या आज आप साहित्य अनुरागियों के समक्ष प्रस्तुत है।"वर्ण पिरामिड"हालांकि यह हिंदी साहित्य में एक नया छंद विधान है।किंतु स्वदेशी है।इसके जनक ‘सुरेश पाल वर्मा ‘जसाला’ जी हैं ।यह आरोही-अवरोही या हाइकू विधा की तरह विषम चरणों वाला एक वर्णिक छंद है ।

🌻🥀वर्ण पिरामिड🥀🌻

👉वर्ण पिरामिड एक ऐसी विद्या है जिसकी

प्रथम पंक्ति में केवल एक वर्ण,दूसरी पंक्ति में दो वर्ण तीसरी में तीन इसी प्रकार क्रमश: बढ़ते हुए ,सातवीं पंक्ति में सात वर्ण होते हैं,और इन सात पंक्तियों में ही सम्पूर्ण काव्य होता है।
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🌻🥀नियम-निर्देश🥀🌻
👉 इसमें आधे वर्ण की गिनती नहीं होती ।
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👉ध्यान रखें केवल वर्णों की गिनती सही होने मात्र से वर्ण पिरामिड नहीं बनता बल्कि इन सात पंक्तियों और अट्ठाईस वर्णों में एक पूरा बिंब दर्शित होना चाहिए । स्वतंत्र पंक्ति भाव का सदैव ध्यान रखें। हर पंक्ति अपने आप में सम्पूर्ण अर्थ प्रदर्शित करनी चाहिए।
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👉किन्ही दो पदों में तुकांत आने पर रचना सुंदर बन जाती हैं ।
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👉गागर में सागर भरती बहुत छोटी सी इंद्रधनुषी विधा हैं- "वर्ण पिरामिड" 👌
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👉सपाट बयानी से बचना चाहिए l
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👉प्रदत्त शब्दों के समानार्थी शब्दों के अधिकाधिक प्रयोग से बचिए। 🙏
🍂🍁नीलम शर्मा ✍️

नई दिल्ली🍁🍂

*सभी उपयुक्त रचनाएँ साहित्य अनुरागी ब्लॉग में प्रकाशित की जायगी। रचना के साथ अपना नाम और शहर लिखें ।

🍂🍂🍁🍁शुभकामनाएँ।🍁🍁🍂🍂

जाओ!
प्रणय
पुकार है
मिलो साजन
करूँ मनुहार
हे!जीवन संचार।

🌹🌹🌹🌹🌹🌹

रे!
फूल
गुलाब
प्रेम आब
सुर्ख शादाब
सु-प्रीत प्रवाह
युगल मन चाह।

🌹🌹🌹🌹🌹🌹

हे!
पिक
मधुरा!
सप्तसुरी
सु-वनप्रिया
सुरभि सारिका
कोकिला कुहुकिनी
मधुर काकपालिका।
नीलम शर्मा ✍️


🌹🌹🌹🌹🌹🌹

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विधा - वर्ण पिरामिड -1

शीर्षक - किरण/रश्मि

ये
देखो
किरण
है उतरी
घरती पर
कर के उजाला
खुशी फैलाती यहाँ ।

रजिन्दर कोर (रेशू)
अमृतसर

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 वर्ण पिरामिड

हे,
सत्यं
शिवम
सुंदरम,
परम् ब्रम्ह,
निराकार रूप,
भोले भंडारी शिव।
*******************
हे,
गौरी
कालिके,
कपालिके,
ब्रम्हरूपणी,
शिव अर्धांगिनी
शिवानी नमो नमः।
*******************
हे,
पुत्र
पार्वती,
श्री गणेश,
हरो कलेश,
रिद्धि सिद्धि दाता,
शुभ कर्म विधाता।
********************
रचनाकार
डॉ नीरज अग्रवाल"नन्दिनी"
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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 .........पिरामिड........

है
माता
धरती,
बसे प्राण,
रखना मान,
दुश्मनों का ह्रास
बुराइयों का नाश।

ये
पृथ्वी
है मेला,
अलबेला,
भिन्न आचार,
अनेक विचार
अनुपम संस्कार।

है
आज
रुदन,
वीरगती,
मचा क्रंदन,
कायरों का अब
करना है मर्दन।

........सुवर्णा परतानी........
............हैदराबाद........

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 #साहित्य_अनुरागी!सादर नमन,,,,,,,

#तिथि:-१६.२.२०२०
#वासर:-रविवार
#विषय:-***चाँद***
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(१)
विधु
रुक जा
प्रिय वर
प्रतिक्षा रत
तव पंख वारूं
अपलक निहारू
(२)
चाँद
चंद्रिका
द्युति युति
रवि प्रभास
विभावरी पति
अनुपम ज्योति
(३)
या
निशा
उभया
कलानिधि
पूर्ण पावन
अद्य पुलकित
सद्य धवलासित
(४)
हे
शशी
संदेश
प्रियवर
प्रेय विकल
मनसा चंचल
हेरती हर पल
(५)
हे
प्रिये
शैशवी
पुरोनिधि
वत्स शशांक
उपल विभूति
गगनांचल द्युति
(६)
ये
दृष्य
पुरोधा
विभावरी
षोडश कला
प्रभा दिनकर
सुधांशु सुधाकर
(७)
द्यो
अंक
मयंक
पुर्णि अमा
निशा वितान
चंद्रिका युतान
द्युति देदीप्यमान
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स्वरचित:-रागिनी नरेंद्र शास्त्री
दाहोद(गुजरात

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 नमन मंच 🙏🙏

दिनांक -१३/२/२०२०
दिन -गुरूवार
िषय - गुलाब
विधा - पिरामिड
****************
१) ये
फूल
गुलाब
लाजवाब
प्रेम प्रतीक
नेह बरसाता
जीवन महकता

२) मैं
बनुँ
गुलाब
अप्रतिम
काँटों में धैर्य
संघर्ष जीवन
मुस्कुराते रहना
**************
तनुजा दत्ता ( स्वरचित)
गाजियाबाद

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वर्ण पिरामिड
सात वर्ण
हे
मात
शारदे
सब पर
करिए कृपा
दूर अज्ञान हो
प्रज्ज्वलित ज्ञान हो।

हों
दूर
तमस
हृदय के
आलोकित हो
जनमानस में
प्रेम-भाव ही सदा।

कृष्णा श्रीवास्तव
हाटा,कुशीनगर, उत्तर प्रदेश

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